बांदा, जागरण संवाददाता। Mukhtar Ansari पूर्वांचल के माफिया मुख्तार पर इधर छह सालों से शिकंजा ज्यादा कसा है। समय के साथ जहां उसे सजाएं हो रही हैं। वहीं एक के बाद एक अब तक उसके दस शूटर भी मार दिए गए हैं। बागपत जेल में गैंगेस्टर मुन्ना बजरंगी की हत्या से चालू हुआ सिलसिला लखनऊ कचहरी में मारे गए संजीव जीवा तक बरकरार है।
अपने कार खास दाहिने व बांये हाथों के मारे जाने से वह भी अंदर ही अंदर खौफ में रहता है। अपनी यह मनो स्थिति को वह एक पेशी के दौरान जाहिर भी कर चुका है। पूर्व में एक बार उसके स्वजन ने जेल में भी असुरक्षित महसूस करना बताया था। अतीक के मारे जाने के बाद तो वह सहम सा गया है। माफिया मुख्तार अंसारी के मंडल कारागार में आने के साथ ही जहां सुरक्षा व्यवस्था हाईटेक की गई है।
पीएसी से लेकर पूरी जेल पर हर जगह पहरा है। चारों ओर कैमरे सक्रिय हैं। सिविल का अन्य पुलिस बल भी हर समय चौकसी में रहते हैं। जिससे परिंदा भी पर न मार सके। इतनी सब मजबूत व्यवस्था के बावजूद माफिया के इस समय देखा जाए तो सबसे बुरे दिन चल रहे हैं। 2017 से अंसारी के शूटरों की सामत आ गई है। खास कुख्यात मुन्ना बजरंगी की 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी।
मुन्ना बजरंगी की हत्या में गैंगेस्टर सुनील राठी का नाम सामने आया था। इसके पहले मार्च 2016 में मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह उर्फ पीजे की लखनऊ के विकास नगर में गोलियों से भूनकर हत्या हुई थी। इसके 2017 में मुन्ना बजरंगी के करीबी वाराणसी के विश्वेश्वरगंज में रहने वाले मोहम्मद तारिक की भी लखनऊ के गोमतीनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सबसे बड़ी वारदात चित्रकूट की रगौली जेल में 13 मई 2021 को हुई थी। जहां मुख्तार के भांजे मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली गाजीपुर और मुकीम काला की अंशू दीक्षित गैंगेस्टर ने गोली मारकर हत्या की थी। हालांकि पुलिस ने जेल में अंशू दीक्षित को भी ढेर कर दिया था। यह तीनों भी मुख्तार अंसारी के खास शूटर थे। शूटरों को छलनी करने का सिलसिला आगे भी चला। 30 अक्टूबर 2021 को मुख्तार के दो और शूटर अली शेख व कामरान को लखनऊ में गैंगवार के दौरान मारा गया।
इधर अब फिर से लखनऊ में बुधवार को जेल से कोर्ट में पेशी जाने पर मुख्तार का दाहिना हाथ जीवा गैंगेस्टर गोली से मारा गया है। सूत्रों की मानें तो शूटरों के एक के बाद एक मारे जाने से बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के होश उड़े हैं। उसने पूर्व में कई बार मुलाकात में आए अपने स्वजन से खुद को असुरक्षित होना बताया था। पेशी में जाने से भी वह मना कर चुका है। अतीक की हत्या के बाद ज्यादातर उसकी पेशी भी वर्चुअल हो रही है। हालांकि जेल व अन्य पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जेल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है।
2023-06-10T08:06:25Z dg43tfdfdgfd