ओम प्रयास, हरिद्वार. हिंदू कैलेंडर के अनुसार निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. यह पर्व भगवान विष्णु के निमित्त किया जाता है. हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी व्रत से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ-साथ अपार धन की बरसात होने के धार्मिक मान्यता बताई जाती है. निर्जला एकादशी पर कुछ कार्य ऐसे भी होते हैं जिनको करने से मना किया गया है. निर्जला एकादशी पर यदि आप निर्जला एकादशी का फल प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको कुछ नियम नियमों का पालन करना होगा, जिससे आपको निर्जला एकादशी का फल प्राप्त हो.
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार निर्जला एकादशी 31 मई को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है. साल भर में होने वाली 24 एकादशी में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन और विशेष फल देने वाला बताया गया है. हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त किसी भी कार्य को करने का विशेष महत्व होता है. निर्जला एकादशी का व्रत सूर्य निकलने से पहले रखा जाता है और अगले सूर्य निकलने के बाद ही खोला जाता है. सनातन परंपरा में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे महत्वपूर्ण इसलिए भी होता है क्योंकि इसे पुरुष और स्त्री दोनों ही रख सकते हैं.
निर्जला एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं
साथ ही निर्जला एकादशी के दिन पीले वस्त्र धारण करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, इसलिए भूल कर भी निर्जला एकादशी के दिन काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. यदि आपके द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया गया है तो आपको निर्जला एकादशी का फल प्राप्त नहीं होगा और यदि आपके द्वारा इन सभी नियमों का पालन खास तौर पर किया गया है, तो भगवान विष्णु की अपार कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी और धन की बरसात भी होगी. ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि जो व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है भगवान विष्णु की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है.
2023-05-26T04:41:07Z dg43tfdfdgfd